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व्यापारी योग

 

 

१- यदि किसी व्यक्ति की जन्मकुंडली में तीसरे भाव का स्वामी सप्तम में अथवा सप्तम भाव का स्वामी दूसरे भाव में हो तथा बुध साथ में स्थित हो ऐसा व्यक्ति श्रेष्ठ व्यापारी होता है!
२- यदि किसी व्यक्ति की जन्मकुंडली में चंद्रमा और केतु दशम भाव में स्थित हो, तो ऐसा व्यक्ति कपडा, आटा अथवा रुई का व्यापर करता है!
३- शुक्र गुरु से चतुर्थ भाव में स्थित हो अथवा सप्तम एवम दशम भाव में स्थित हो तो ऐसा व्यक्ति श्रेष्ठ व्यापारी होता है!
४- मकर लग्न में लग्नेश एकादशेश मंगल के साथ लग्न,चतुर्थ अथवा दशम भाव में स्थित हो तो ऐसा व्यक्ति खान का सम्बंधित व्यापर करता है!
५- मंगल तथा शनि की युति दशम भाव में हो और उन पर शुक्र कापूर्ण प्रभाव हो तो ऐसा व्यक्ति होटल सम्बन्धी कार्य करता है!