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Essay On Blood Donation(रक्तदान जीवनदान निबन्ध)

 
Essay On Blood Donation(रक्तदान जीवनदान निबन्ध)

रक्तदान जीवनदान है। हमारे द्वारा किया गया रक्तदान कई जिंदगियों को बचाता है। इस बात का अहसास हमें तब होता है जब हमारा कोई अपना खून के लिए जिंदगी और मौत के बीच जूझता है। उसे बचाने के लिए खून के इंतजाम की जद्दोजहद करते है तब हम को रक्तदान की अहमियत पता चलती है

देशभर में रक्तदान हेतु नाको, रेडक्रास जैसी कई संस्थाएँ लोगों में रक्तदान के प्रति जागरूकता फैलाने का प्रयास कर रही है परंतु इनके प्रयास तभी सार्थक होंगे, जब हम स्वयं रक्तदान करने के लिए आगे आएँगे और अपने मित्रों व रिश्तेदारों को भी इस हेतु आगे आने के लिए प्रेरित करेंगे! विश्वभर मै रक्तदिवस 14 jun को मनाया जाता है और 2004 मै स्थापित दिवस समाज मै एक नयी और दिशा की और हम को लेकर जा रहा है और इस से हम को अपने भविष्य को रक्त के लिए भटकते हुए नहीं देखना पड़ेगा!

रक्तदान से कोई कमजोरी नहीं होती वरन, किसी की जिन्दगी बच रही होती है.दान की गयी रक्त की मात्रा हमारा शरीर निर्मित कर लेता है महज अगले 24 घंटो में और पूरे शरीर में फ़ैल जाती है

* कोई भी स्वस्थ व्यक्ति जिसकी आयु 18 से 68 वर्ष के बीच हो।
* जिसका वजन 45 किलोग्राम से अधिक हो।
* जिसके रक्त में हिमोग्लोबिन का प्रतिशत 12 प्रतिशत से अधिक हो।

लोगों का कहना है कि रक्तदान से कमजोरी आती है, शरीर में रक्त की कमी होती है। परन्तु ऐसा नहीं है। रक्तदान से किसी प्रकार की कमजोरी नहीं आती है। हमारा शरीर उस रक्त की आपूर्ति शीघ्र ही कर लेता है और पुन: रक्त का निर्माण कर लेता है। रक्तदान करने वाले व्यक्ति के रक्त की जाँच होती है। इसमें देखा जाता है कि दानकर्ता को किसी प्रकार संक्रमण तो नहीं है। जाँच के बाद दानकर्ता अपना रक्त दान कर सकता है। दान किए हुए रक्त को संरक्षित कर लिया जाता है, तथा जब किसी को आपातकालीन समय में रक्त की आवश्कता होती है, तो उसे तुरंत वह रक्त चढ़ा दिया जाता है। इस प्रकार एक रोगी की जान को बचाया जा सकता है। एक पूर्ण स्वस्थ्य व्यक्ति हर तीन माह के पश्चात रक्तदान कर सकता है। इस प्रकार हम एक मरते व्यक्ति को जीवन दे सकते हैं तथा उसके परिवार का जीवन भी उज्जवल बना सकते हैं।