विश्व बाल श्रम निषेद दिवस को विश्ब भर मै 12 जून को मनाया जाता है विश्व बाल श्रम निषेद दिवस मानाने का कारण विश्व भर मै बाल श्रम के प्रति जागृत करना और बाल मजदूरी को समाज मै बढ़ने से रोकना है बच्चे किसी भी राष्ट्र के भविष्य का प्रतिनिधित्व करते हैं | वे देश के भावी कर्णधार एवं प्रगति का आइना हैं |
उनका चमकता या मुरझाया हुआ चेहरा इस बात का प्रतीक है की वह देश कितना खुशहाल , संपन्न या विपन्न है | ये राष्ट्र की धरोहर होते हैं जिनकी समुचित देखभाल एवं विकास पर ही किसी भी राष्ट्र की प्रगति निर्भर करती है |
वे सभ्यता एवं भविष्य के आधार हैं और निरंतर पुनजीर्वन का स्त्रोत भी, इन्ही के कन्धों पर मानवता के उज्जवल भविष्य की आधार-शिला रखी जा सकती है,किन्तु विडम्बना इस बात की हे कि इन बच्चों कि एक बड़ी संख्या ऐसे बच्चों कि है,
जिनका जीवन संघर्षों एवं असामान्य परिस्थिति में बीतता है | जिन बच्चों का बचपन ही समस्याओं से घिरा हुआ है, उन बच्चों का भविष्य क्या होगा? क्या ये बच्चे बड़े होकर पढेंगे या बाल श्रमिक बनेंगे और समाज और राष्ट्र के निर्माण में योगदान दे सकेगे?
आज भी परिवार की आर्थिक विवशताओं के कारण लाखों बच्चे स्कूल की चौखट भी नहीं चढ़ पाते और अनेक बालकों को इन्हीं बाध्यताओं के कारण पढाई छोड़ देनी पड़ती है और बाल श्रमिक आजीविका, शिक्षा, प्रशिक्षण से वंचित रह जाते हैं | और न उनका मानसिक विकास हो पता है और न ही बौद्धिक विकास संभव है | बाल श्रम समाज की भीषण बुराई मै से एक है इसलिए हम को इस को जड़ से उखड फेकना चाहिए!