किस रिश्ते के किस अंग में रंग लगायेंhello
 

माता – पैर ,पिता -छाती ,
पत्नी / पति – सर्वांग ,बड़ा भाई -मस्तक ,
छोटा भाई – भुजायें,
बड़ी बहन – हाथ और पीठ,
छोटी बहन – गाल,
बड़ी भाभी / देवर – हाथ और पैर (ननद और देवरानी सर्वांग में )
छोटी भाभी -सर और कन्धे (ननद सर्वांग में रंग लगायें )
चाची / चाचा – सर से रंग उड़ेले ,
साले सरहज – कोई अंग बचने न पायें
ताई / ताऊ – पैर और माथे पर ,
मामा / मामी – बच कर जाने न पायें ,
बुआ / फूफा – जी भर कर रंग लगायें,
मौसी , / मौसा – डिस्टेन्स मेन्टेन करके रंग लगायें ,
पड़ोसी- सिर्फ सूखा रंग ही लगायें उसमे इत्र जरुर डालें ,
मित्र – मर्यादायें भूल कर रंग लगायें ,
बॉस – माथे पर टिका लगायें ,
बॉस की पत्नी – हाथ में रंग का पैकेट देकर नमस्कार कर लें , शिष्टाचार की सीमा के अन्दर रंग लगायें ,
अनजाने व्यक्तियों को – सामाजिक मर्यादा और शिष्टाचार का पूरा ध्यान रखें |

 

पति -पत्नी को आपस में जी भर कर होली खेलना अत्यन्त शुभ शकुन माना जाता है |