निर्जला एकादशी को करें धनवान बनने का चमत्कारी उपाय, इस पेड़ में चढ़ाएं जलhello
 
धर्मशास्त्रों में धन को पुण्य बटोरने का जरिया तो पुण्य ही दरिद्रता व पाप को दूर करने वाले माने गए हैं। यही वजह है कि कर्तव्यों को निभाने व जरूरतो को पूरा करने के लिए खुशहाल ज़िंदगी की कामना से लक्ष्मी उपासना का महत्व है। किंतु ऐसी समृद्धि या खुशहाली बिना शुभ व मंगल भावों के अभाव में अधूरी मानी जाती है। इसलिए संपन्नता के साथ सुख पाने के लिए लक्ष्मी के साथ लक्ष्मीपति भगवान विष्णु की उपासना का महत्व भी हिन्दू धर्मग्रंथों में बताया गया है। 
 
20 को निर्जला एकादशी है। हिन्दू पंचांग के ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी की मंगलकारी तिथि पर भगवान विष्णु के साथ देवी लक्ष्मी की उपासना ही भरपूर वैभव व ऐश्वर्य देने वाली मानी गई है। इसके लिए शास्त्रों में ही खासतौर पर एक आसान व चमत्कारी उपाय तो धनवान बनने की चाहत जल्द पूरी करने वाला माना गया है। 
 यह उपाय है एक वृक्ष विशेष में मात्र जल चढ़ाना।
शास्त्रों में बताया यह सरल उपाय खासतौर लक्ष्मी उपासना से धन संपन्न व खुशहाल बनाने वाला माना गया है। यह उपाय है - बिल्वपत्र यानी श्रीवृक्ष की पूजा। वैसे तो प्रचलित मान्यताओं में बिल्वपत्र शिव को प्रिय और बिल्वपत्र के वृक्ष में शिव वास माना जाता है। किंतु एक अन्य पौराणिक मान्यता यह भी है कि समुद्र मंथन से प्रकट हुई लक्ष्मी को पाने की चाहत में देव-दानवों में संघर्ष होने लगा तो देवी लक्ष्मी ने कुछ देर बिल्वपत्र वृक्ष में वास किया। यही वजह है कि बिल्वपत्र को श्रीवृक्ष भी पुकारा जाता है। 
अगली स्लाइड पर जानिए इसी श्रीवृक्ष यानी बिल्वपत्र की विशेष मंत्र से पूजा द्वारा लक्ष्मी की प्रसन्नता का उपाय। यह उपाय निर्जला एकादशी के अलावा लक्ष्मी पूजा के विशेष दिनों या हर रोज भी करना मंगलकारी माना गया है - 
- यथासंभव निर्जला एकादशी का व्रत रख स्नान के बाद किसी देवालय या पवित्र स्थान पर लगे बिल्वपत्र की जड़ में पवित्र गंगाजल व दूध चढ़ाते हुए देवी लक्ष्मी का ध्यान करें।   
- लक्ष्मी पूजा की आस्था से लाल गंध, अक्षत, फूल, वस्त्र, फल, तिल व दूध की मिठाई चढ़ावें व धूप व दीप प्रज्जवलित कर आरती करते हुए लिखा मंत्र बोलें - 
श्रीनिवास नमस्तेस्तु श्रीवृक्ष शिववल्लभ।
ममाभिलषितं कृत्वा सर्वविघ्रहरो भव।। 
- पूजा व मंत्र स्मरण के बाद बिल्वपत्र वृक्ष के सामने लक्ष्मी आरती कर सात परिक्रमा कर प्रणाम करें। आर्थिक परेशानियों और कष्ट निवारण की प्रार्थना करें।