संस्कार

 

 

माँ बाप का सबसे बड़ा धर्म अपनी सन्तान को अच्छे संस्कार देना है ।
    एक माँ का एक बेटा था  । जब वो स्कूल में पढने लगा तो बुरी संगत में पड़ने के कारण एक दिन कक्षा के ही एक छात्र का पेन चुरा लिया  । जब माँ को पता चला तो माँ ने उसे रोकने की बजाए ,कि बेटा ये बुरी बात होती है उसकी पीठ थपथपाई  कहा शाबाश बेटा..........। बस उसके बाद क्या था बेटे का होंसला बढ़ता गया और वो चोरिआं करता करता एक बहुत बड़ा चोर बन गया  । एक दिन वो पकड़ा गया राजा के पास पेश किया तो राजा ने उसे फांसी की सज़ा सुनाई , जब उसे फांसी देते समय उसकी आखिरी इच्छा पूछी गयी तो उसने अपनी माँ से मिलने की इच्छा जताई ।उसकी माँ को उससे मिलाने के लिए लाया गया । जब वो अपनी माँ से मिला तो उसने जोर से एक तमाचा अपनी माँ के गाल पर दे मारा और कहा कि ,माँ  अगर  आपने मेरे को उस समय ,  जब में पहली बार  स्कूल से पेन को चुरा कर लाया था ये तमाचा उस समय मारा होता तो आज में इस फांसी के तख्त पर खड़ा नही होता ।