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शनि वर्ष दशाफल

 

 

पूर्णबली शनि की दशा में नया घर बनता है | जन्म-स्थान का निर्माण होता है एवं राज्य -पक्ष में उन्नति होती है |
            मध्यबली शनि की दशा में वाहन नष्ट हो जाता है | तस्करी, झूंठ, कपट अथवा ठगी के कार्यों से धन-प्राप्ति होती है | प्रौढ़ा अथवा वृधा स्त्री के साथ संगम होता है तथा भोजन-वस्त्र-सम्बन्धी समस्याओं से जातक चिन्ताग्रस्त रहता है |   
        अल्पबली शनि की दशा में चोरी होती है अथवा जातक ठगी का शिकार होता है  | शीत तथा वात के कोप से कई रोग उत्पन्न होने लगते हैं, झूठे कलंक से सामाजिक सम्मान का पतन होता है एवं उन्नति के मार्ग अवरुद्ध हो जाते हैं |
          नष्टबली शनि कि दशी जातक को कई प्रकार के व्यसन सिखा देती है | उसे  पुत्र, मित्र आदि के विरोधों का सामना करना पड़ता है तथा किसी आकस्मित संकट से वह मरण-तुल्य स्थति में पहुच जाता है |
             शनि ३, ६, ११वें स्थानों में नष्टबली शनि होने पर भी आधा सुफल दे देता है तथा हीनबली व मध्यबली शुभफल देता है | उत्तमबली शनि अत्यन्त शुभफल देता है |