दुःख योग

 

 

चौथे स्थान का स्वामी पापग्रह से युक्त हो |
 
चौथे घर मे नीच का सूर्य व मंगल हो |
 
आठवें घर का स्वामी ११वें भाव मे हो |
 
लग्न मे पापग्रह के बीच मे हो |
 
लग्न मे शनि, आठवें स्थान पर राहु तथा छठे स्थान पर मंगल हो |
 
चन्द्रमा पापग्रहों के बीच मे हो |
 
लग्न का स्वामी १२वें स्थान पर, दसवे स्थान पर पापग्रह और किसी भी घर मे चन्द्रमा तथा सूर्य साथ मे बैठे हो|