माघ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को जया, अजा तथा भीष्म एकादशी भी कहते हैं। जया एकादशी के दिन भगवान विष्णु जी की पूजा करने का विधान है।
जया एकादशी के विषय में जो कथा प्रचलित है उसके अनुसार धर्मराज युधिष्ठिर ने भगवान श्री कृष्ण से निवेदन कर जया एकादशी का महात्म्य, कथा तथा व्रत विधि के बारे में पूछा था। तब श्री कृष्ण ने युधिष्ठिर को बताया था कि जया एकादशी बहुत ही पुण्यदायी है। इस एकादशी का व्रत विधि-विधान करने से तथा ब्राह्मण को भोजन कराने से व्यक्ति नीच योनि जैसे भूत, प्रेत, पिशाच की योनि से मुक्त हो जाता है। भगवान श्रीकृष्ण ने युधिष्ठिर को जया एकादशी से संबंधित कथा भी सुनाई थी।