Ram Navami Fast

 

राम नवमी व्रत भगवान श्री राम चंद्र जी की जन्म तिथि है। राम का जन्म, चैत्र मास के शुक्लपक्ष की नवमी को बड़ी धूम-धाम से मनाया जाता है। भगवान श्री राम के जन्म के विषय में रामचरितमानस में भी इसी तिथि का वर्णन किया गया है-

‘‘नौमी तिथि मधु मास पुनीता। सुकल पच्छ अभिजित हरि प्रीता।।’’

राम नवमी का व्रत समस्त पापों को नष्ट करने वाला होता है। अवध क्षेत्र में लोग इस दिन उपवास करते हैं तथा सांय फलाहार किया जाता है। नवमी की रात्रि को रामायण की कथा या अखण्ड रामायण का पाठ होता है। दशमी तिथि को प्रातः श्री राम जी का पूजन किया जाता है। ब्राह्मणों को जौ, भूमि, स्वर्ण, भोजन, वस्त्र, तिल आदि दान में दिए जाते हैं। 

श्री राम का पंचामृत स्नान, डोल-शृंगार, नैवेद्य, पूजन, आरती इत्यादि किया जाता हैं। मंदिरों में झाँकियाँ सजाई जाती हैं। अयोध्या में प्रातः काल सरयू में स्नान कर भक्त जन ‘कनक भवन’ तथा ‘राम जन्म भूमि’ का दर्शन एवं दक्षिणा करते हैं। इस दिन अयोध्या में एक विराट मेला लगता है। लोक-मान्यता के अनुसार रामनवमी के उपवास का पुण्य कभी क्षीण नहीं होता।