Home » Yog in Astrology » Akshamaat Dhan Prapti Yog
 

अकस्मात् धन-प्राप्ति योग

 

 

पांचवें स्थान पर चन्द्रमा हो तथा उस पर शुक्र की पूर्ण दृष्टि हो |
 
द्वतीयेश तथा चतुर्थेश शुभग्रह की राशि में हों |
 
एकादशेश और द्वतीयेश चौथे स्थान में हों |
 
लग्नेश शुभग्रह होकर धन भाव मे स्थित हो |
 
धनेश आठवें स्थान पर हो |
 
लग्न का स्वामी दुसरे स्थान पर हो, दुसरे स्थान का स्वामी ग्यारहवें स्थान पर हो  तथा एकादशेश लग्न में हो |