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धृति योग

 

धृति योग में जन्म लेने वाले जातक के गुण

धृति योग में उत्पन्न जातक विद्यावान, धैर्यशाली, अनेक देशों में कीर्तिमान फैलाने वाला, सुखी एवं गुणवान होता है।

जातक के जन्म के बाद ही सर्दी आदि की बीमारियां परेशान करती रहती है नाक का बहना सांस मे आवाज आना शरीर का पतला होना सूखा जैसे रोगो से पीडित होना आदि भी माना जाता है जातक अपनी उम्र के दूसरे भाग मे कार्य के लिये परेशान होता है दूसरो की सेवा करने के बाद ही उसे जीविका का साधन मिल पाता है और बहुत मेहनत करने के बाद ही उसे जीविका से जीवन चलाने मे माना जाता है जातक का जीवन साथी बहुत तेज बोलने वाला और क्रोध करने वाला होता है जातक का परिवार मेहनत वाले कामो मे ही संलग्न रहता है जातक की माता को भी तरह तरह की बीमारिया होती है और जातक की माता की मृत्यु लम्बी बीमारी या गठिया जैसे रोगो से होनी मानी जाती है जातक की घूमने की बहुत इच्छा होती है लेकिन कभी कभी जातक के दिमाग मे एक दौरा सा पडता है और जातक सभी काम धन्धे छोड कर बैठ जाता है जातक को भी पेट की बीमारी और झूठ बोलने की आदत भी होती है जातक को नीच संगति मे बैठने का कारण होता है अक्सर नीचे लोगो की संगति के कारण जातक को तामसी चीजे खाने पीने का शौक भी होता है,जातक को काला रंग पसन्द होता है जातक के रहने वाले स्थान का निर्माण अधिकतर पिता के द्वारा ही करवाया जाता है नही होने पर जातक को किराये आदि के मकान मे ही संकुचित जगह मे रहने का ही फ़ल मिलता है