महाशिवरात्रि

 

महाशिवरात्रि हिंदू विक्रमी सम्वत पंचांग के अनुसार फाल्गुन माह में अमावस्या की 14 वीं रात को मनाया जाने वाला एक हिंदू पर्व है। यह त्यौहार भगवान शिव को समर्पित है। इस दिन, लोग भगवान शिव के सम्मान में भजन और संस्कृत श्लोक गाया करते हैं। इस मौके पर लोग पूरे दिन व्रत रखते हैं। लोग अपने घर के पास में स्थित शिव मंदिर में जाते है और अपने परिवार की सुरक्षा व् समृद्धि की कामना करते हैं। लोग भगवान शिव और पार्वती को नारियल, बिल्व पत्र, फल और भोजन अर्पित करते हैं।

इस त्यौहार की उत्पत्ति के पीछे बहुत सारी कथायें वर्णित हैं। एक पौराणिक कथा के अनुसार, एक बार देवों और दानवों ने सागर अर्थात समुद्र का मंथन करके अमृत पाने की कोशिश की। इस मंथन प्रक्रिया के दौरान उन्हें कालकूट नामक जहर सहित कई अन्य दिव्य वस्तुएँ प्राप्त हुई। इस विष से समूचे ब्रह्मांड और मानव जाति की रक्षा के लिए, भगवान शिव ने विष की एक एक बूंद पीते हुए अपने कंठ में रोक लिया। इस विष के कारण भगवान शिव के गले पर गहरे नीले रंग का निशान पड़ गया। सभी देवताओं ने उनकी पूजा की और दुनिया को बचाने के लिए भगवान शिव का आभार प्रकट किया।

इस दिन को भगवान शिव और माँ पार्वती के विवाह दिवस के रूप में भी जाना जाता है और पूरे भारतवर्ष में हर्षोउल्लास के साथ मनाया जाता है। एक और मान्यता यह है कि यह वह दिन था जब पृथ्वी पर ज्योतिर्य लिंगम के रूप में भगवान् शिव, लिंगम रूप में प्रकट हुए थे।

इस दिन शिव भक्त दिन और रात व्रत रखते हैं और केवल फल और पानी का सेवन करते हैं। वे रुद्राभिषेक और विस्तृत पूजन कर विभिन्न अनुष्ठान करते हैं और सुबह के समय शिव लिंग पर जल चढ़ाते हैं। साथ ही बेल के पेड़ की पत्तियां भी शिवलिंग पर अर्पित की जाती हैं। 

शिव भक्त इस दिन धार्मिक गीत गाते हैं और दिन के समय में मंत्रों का पाठ करते हैं। रात होते ही सब उनकी भक्ति में लीन हो जाते है। रात्रि में भगवान शिव के श्रद्धालु भक्त उनकी पूजा करते है, और स्वयं एकचित रहकर ध्यान भी करते है। यह व्यक्ति को आत्म-ज्ञान प्राप्त करने में सहायक सिद्ध होता है और यह व्यक्ति को क्रोध, स्वार्थ और लालच के बिना जीवन जीने के लिए भी प्रेरित करता है।

शिवरात्रि को महिलाओं के लिए बहुत शुभ माना जाता है। विवाहित महिलाएं अपने पति की सलामती के लिए प्रार्थना करती हैं और अविवाहित महिलाएं अपने लिए एक आदर्श जीवनसाथी की प्रार्थना करती हैं। ऐसा माना जाता है कि जो भी व्यक्ति भगवान शिव का नाम लेता है और इस दिन पूरी श्रद्धा के साथ शिव की पूजा करता है, वह सभी पापों से मुक्त हो जाता है और जन्म और मृत्यु के चक्र से भी मुक्त हो जाता है। 

महा शिवरात्रि पूरे भारत में भगवान शिव की भक्ति में लीन होकर पूरी श्रद्धा और प्रेम के साथ मनाया जाने वाला त्योहार है।